सवाल
काली अंधेरी रात में मेरा मैं, मेरी ही तलाश में पूछता मुझ से कई सवाल मेरे और मेरे जैसे ना जाने कितने - कितने 'मैं' के बारे में काली अंधेरी रात में .......... मै क्या हूं? किसलिए हूं ?? मुझ से पहले भी कईयों ने दोहराए है यह वाजिब सवाल मैं फिर से दोहराता हूं यह सवाल मै क्या हूं? किसलिए हूं ?? काली अंधेरी रात में............ यह रात गहरा रही है मेरे सवालों को कहीं धकेल काली चादर में कैद कर मुझे अपने पास बुला रही है कालिमा के गर्भ में देखा मैंने कैद है रौशनी के कई बीज काली अंधेरी रात में.........